विश्वविद्यालय अनु0 आयोग ने मेरी बात दोहराया,बिहार में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति-विज्ञापन के समय का नियमन में बाद का संशोधन नहीं शामिल"*

विश्वविद्यालय अनु0 आयोग ने मेरी बात दोहराया,बिहार में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति-विज्ञापन के समय का नियमन में बाद का संशोधन नहीं शामिल"*
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बिहार के मा0 शिक्षा मंत्री के कई अखबारी बयान, तत्कालीन मा0 केंद्रीय शिक्षा मंत्री उलट-सीध बयान पर आधारित होकर तथा बिहार के एक बड़े राजनेता के बहुत देर से जागने की प्रवृति अर्थात् डोमिसाइल-डोमिसाइल के आलाप के बीच 13 साल बाद हो रही सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया को रोक दिया गया । हालांकि इनपर कोई विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं हुई हैं । तथापि इस सुन-गुण को लेकर मैं RTI ACT. 2005 के अंतर्गत प्रपत्र- क को CPIO, उच्चतर शिक्षा विभाग, HRD मंत्रालय, शास्त्री भवन, नई दिल्ली को दिनांक-18.04.2016 को भेजा कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति-विज्ञापन .... Regulations Act. 2009 के तहत निकाला गया, परंतु कई विषयों की इंटरव्यू प्रक्रिया और कुछ विषय के अंतिम परिणाम के बीच इंटरव्यू प्रक्रिया बंद किया जाने की अखबारी सूचना है, जबकि कोई नियुक्ति प्रक्रिया जिस नियमन के तहत जारी होती है, उसी पर अमल किया जाता है । ----इसपर मुझे जवाब प्रथम अपील लगने के बाद ही  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग  के  CPIO के मिसिल सं0 1-52571/2016 (RIA/PS), दिनांक -16.06.2016 के द्वारा यह आया कि यह मामला अभी विचाराधीन है, निर्णय लेने के पश्चात् UGC वेबसाइट www.ugc.ac.in पर सूचना प्राप्त कर सकते हैं । अब UGC ने दिनांक- 30.08.2016 को मेरे पक्ष पर सहमति जताते हुए नोटिस जारी किया है ।

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