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अक्तूबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

*"31 अक्टूबर : आह्लादसारी और प्रलयकारी तिथि का मिश्रण"*

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"31 अक्टूबर : आह्लादसारी और प्रलयकारी तिथि का मिश्रण" ----------------------------------------------------------------------- वर्ष 1875 का 31 अक्टूबर को वल्लभ भाई पटेल का जन्म हुआ, गाँधीजी के चंपारण कृषक सत्याग्रह के प्रसंगश: बारदोली में कृषक सत्याग्रह का नेतृत्व पटेल ने किया था । चूंकि इस आंदोलन में महिला कृषकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा ली थी और पटेल के करिश्माई नेतृत्व ने इन महिलाओं को काफी प्रभावित की । महिला कृषकों ने उन्हें तब से 'सरदार' कहना शुरू कर दी । कालान्तर में यह शब्द नामोपसर्ग में लगकर सरदार वल्लभ भाई पटेल के रूप में संसारख्यात् हो गए । भारत को आज़ादी मिळते ही देश ने इसे अपना पहला गृह मंत्री बनाया और अपने व्यक्तित्व संग कृतित्व के बूते सप्ताह से कम दिनों के अंदर ही देश ने उन्हें उप-प्रधानमंत्री भी बना दिया । तब भारत में सैकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे देशी राजे-रजवाड़े का बिखराव, बड़े रियासतों में हैदराबाद के निज़ाम, ज़ूनागढ़ रियासत, कश्मीर के महाराजा इत्यादि के भारत के प्रति पूर्ण समर्पण का अभाव से सरदार पटेल को लगा .... अंग्रेजों ने 'फूट' डालने का जो मन

"INTERNATIONAL मकड़जाल दिवस"

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दुनिया का सबसे "छोटा पत्रवार्त्ता" (shortest letter with reply) के बारे में कुछ लोगों का कहना है-- एक मित्र ने दूसरे मित्र को यह "लैटर" भेजा, जिनका "रिप्लाई" अग्रांकितरूपेण आया--- पहला मित्र ने सिर्फ संकेत लिखा-- ? दूसरे मित्र का जवाब संकेत में ही आया-- ! ज्ञात हो, यहां '?' से तात्पर्य 'कैसे हो' से है, जबकि '!' से तात्पर्य 'वैसा नहीं, जैसा रहना चाहिए' से है । अबतक का सबसे "छोटा पत्रवार्त्ता" का खिताब इन्हें ही मिला है । इसी 'छोटपन सन्देश' के आदान-प्रदान के शायदतन ही 'INTERNET' की शुरुआत हुई होगी । मेरे वरेण्य अज़ीज़न ! तारीख 29 अक्टूबर 2016 को 'INTERNATIONAL INTERNET DAY' है । दूरसंचार व प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण अवदान को सँजोये रखने के बनिस्पत 'INTERNATIONAL INTERNET DAY' पहली बार 11 साल से पहले 25 अक्टूबर 2005 को मनाया गया था, लेकिन एक संशोधन के बाद 2006 से हर वर्ष यह 29 अक्टूबर को ही मनाये जा रहे हैं । इसी तारीख को अमेरिका के 'यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया लॉस एजिल्स'

*"दीपावली के लिए शुभकामना-सन्देश"*

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"दीपावली के लिए शुभकामना-सन्देश" _____________________________ भारत के प्रायः गाँव-क़स्बे में कोई न कोई सैनिक अथवा सैन्याधिकारी के परिवार रहते हैं । हमारे तरफ से उनके परिवार को प्रत्येक पर्व-त्यौहारों में हस्तलिखित सुन्दर-से स्केचिंग कर शुभकामना-सन्देश रजिष्ट्री-डाक से भेजे जाय, ताकि सैनिक परिवार इसे फ्रेमिंग कर रख सके और रजिष्ट्री शुल्क के रूप में 22 रुपये जो भारतीय डाक विभाग को दिया गया, उसे शहीद और घायल सैनिक राहत कोष में जमा किया जाय । यही इस दीपावली में दीप जलाने से भी उन्नत उन्हें सच्ची शुभकामना होगी । भारत माता की जय । जय हिन्द ।

*"सोनिया मैय्या सुधरी, ये राहुल भैया को क्या हो गया !"*

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*"सोनिया मैय्या सुधरी, ये राहुल भैया को क्या हो गया !"* ------------------------------------------------------------------- बकौल, सोनिया गांधी--- "... मौत के सौदागर..." । कोर्ट की कड़ाई करने पर सोनिया ने ये बात समझी कि आखिर वे क्या कह रही हैं ! चलिए, सोनिया गरीब घर में जन्मी थी, तथ्य समझ गयी । ये राहुल बाबा , जिनके बाप प्रधानमन्त्री रहे, दादी प्रधानमन्त्री थी और दादी के बाप भी प्रधानमन्त्री थे । दादी के दादा की संपत्ति और वकालत से अर्जित आमदनी इतनी थी कि उस वक्त पूरे भारत को 6 माह बिठाकर खिला सकते थे (लेकिन ऐसा कभी नहीं किये), उस परिवार के राहुल बाबा , जो अपने इस परिवार के रोमांटिक उम्र से उलट अबतक कुंवारे हैं , जिनके बाप और दादी की हत्या कर दिए गए और भारतवर्ष के लिए शहीद हो गए वे दोनों, उस राहुल गांधी को अत्यंत गरीब घर से निकले प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के लिए ऐसे वाक्यांश नहीं बोलने थे---"..... शहीदों के खूनों की दलाली खानेवाले....." शर्म करो जरा राहुल । पिछले दिनों एम. काटजू के बयान पर (जो सच में देशद्रोह बयान था) हो-हल्ला मचानेवाले वे राजनेता आज कह

*"एक दोस्त के नाम ख़त : हिन्दू है सबसे उदारवादी धर्म"*

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*"एक दोस्त के नाम ख़त : हिन्दू है सबसे उदारवादी धर्म"* ------------------------------------------------------------------- प्रिय मित्र प्रदीप, संस्पर्श नमन् !  जब आप खुद 'प्रदीप' हैं, तो आपको स्वयं सहित दूसरे के घरों को भी उज्ज्वल करने चाहिए । कितने को सहयोग किया है, आपने ! जो आप प्रदीप कहलाते हैं । प्रदीप तो प्रकाशित करता दीपक होता है, फिर कैसे और क्यों प्रदीप हो गए आप ?  कभी आपने अपनी माँ-पिता और अपना तथा भाई-बहन का DNA टेस्ट कराया ? आपने होश संभालते ही आपको बताया गया की ये आपके पिता हैं, माता हैं या भाई-बहन हैं ! इसपर कितनी बार आपने प्रश्न किया ? कितनी बार शक किया ? ? रिश्ता विश्वास पर टिका है । घर पर पत्नी को छोड़कर 8 घंटे लोग ड्यूटी पर रहते हैं ! पति-पत्नी के आपसी विश्वास ही रिश्ते को प्रगाढ़ करते हैं । आपको 'दुर्गा' या 'माँ दुर्गा' के बारे में आस्था नहीं है तो मत रखिये , लेकिन इनपर किसी के आस्था पर कुठाराघात भी आपके द्वारा जनित प्रताड़ना माना जाएगा ! वैसे भी हमारे समाज में नारी को सम्मान और देवी की नज़र से देखी जाती है । हिन्दू धर्म की विवाहि