संदेश

सितंबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

*"2 अक्टूबर 1869 - क्या यह गलत जन्मतिथि है 'महात्मा गाँधी' के ?"* (Gandhi jee's birthdate Oct. 02, 1869 is doubtful ?  )

चित्र
*"2 अक्टूबर 1869 - क्या यह गलत जन्मतिथि है 'महात्मा गाँधी' के ?"* (Gandhi jee's birthdate Oct. 02, 1869 is doubtful ?  ) ------------------------------------------------------------------------------- आज से 10 साल पहले मैंने स्व0 देवकीनन्दन सिंह की पुस्तक 'ज्योतिष-  रत्नाकर' (पृष्ठ संख्या- 979 से 985 तक/ पुनर्मुद्रण वर्ष- 1999/ प्रकाशक- मोतीलाल बनारसीदास) पढ़ा, तो पाया महात्मा गाँधी की जन्मतिथि विक्रमी संवत् में 'आश्विन बदी द्वादशी, संवत् 1925' लिखा है, जबकि गाँधी जी की जन्मतिथि उनकी 'आत्मकथा' (गुजराती और हिंदी संस्करण) के अनुसार विक्रमी संवत् में 'भादो बदी द्वादशी, संवत् 1925' है, दोनों तरह की पुस्तकों में महात्मा गाँधी की जन्मतिथि की अँग्रेजी तारीख 02 अक्टूबर 1869 ई0 ही प्रकाशित है, किन्तु यह प्राथमिकता के तौर पर नहीं , अपितु 'अर्थात्' लिए है ! जिन वर्षों में और जहाँ (सौराष्ट्र प्रांत) गाँधी जी ने जन्म लिया, वहाँ और उस समय हिन्दू व जैन  परिवारों में विक्रमी संवत् का प्रचलन था । विज्ञानलेखक डॉ0 गुणाकर मुळे ने मुझे 'ह

*"ज़ज़्बे का गुरुज्ञान"*

*"ज़ज़्बे का गुरुज्ञान"* -------------------------- "मुलायम धूप, गर्म बर्फ, नीली घास, रात्रि इंद्रधनुष, सफ़ेद क्रोध, अग्नि ठंड, क्षमातु बाघ, क्रुद्ध ममता, अडिग संत, सभी विपरीत है और इनके ज़ज़्बे के साथ, जो प्रक्रम या इंसान का अक़्स  उभरता है........ वो मेरे मनु का है कि तुम्हारे शब्द स्वागत के लिए बने हैं  मुलायमी स्वागत के लिए,  जैसे- रूह को रूई से ढँक दिया गया हो  या पत्ते पर रंग-बिरंगे चींटी दौड़ लगा रहे हों कि ऊँघते ऐसे लोगों के लिए  धरती ही बिछौना हो  हाँ, भइया, पैसे से नींद की गोली खरीद सकते हो, सिर्फ़ नींद नहीं !" (*सदानंद पॉल*)

*"भारतीय संविधान में 'हिंदी' नहीं है 'राष्ट्रभाषा' : फालतू के 'हिंदी दिवस"*

चित्र
*"भारतीय संविधान में 'हिंदी' नहीं है 'राष्ट्रभाषा' : फालतू के 'हिंदी दिवस"*  ------------------------------------------------------------------------------------- 1949 के 14 सितम्बर को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया, इसलिए इस तिथि को 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाये जाने का प्रचलन है । भारतीय संविधान में हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप उल्लेख कहीं नहीं है । परंतु हिंदी के लिए देवनागरी लिपि का उल्लेख संवैधानिक अवस्था लिए है, किन्तु भारतीय संविधान में अँग्रेजी लिखने के लिए किसी लिपि का उल्लेख नहीं है । गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने भी एक RTI जवाब में अँग्रेजी की ऐसी स्थिति को लेकर मुझे (सदानंद पॉल) पत्र भेजा है । बुरी स्थिति हिंदी के लिए नहीं अँग्रेजी के लिए है, क्योंकि भारतीय संविधान के अनुसार उसकी कोई लिपि नहीं है । इसतरह से अंतरराष्ट्रीय अँग्रेजी और भारतीय अँग्रेजी में अंतर है । चूँकि भारत से बाहर अँग्रेजी रोमन लिपि में है और भारत में यह किसी भी लिपि में लिखी जा सकती है । ( अँग्रेजी के 'लिङ्ग' पर मैंने ध्यान नहीं दिया है ! )

श्रीमान् कैलाश सत्यार्थी को "भारतरत्न" दिया जाय ।

चित्र
सेवार्थ, श्रीमान् गृह सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली । प्रेषक:- ------- प्रो0 सदानंद पॉल, पोस्ट- नवाबगंज, वाया- मनिहारी, ज़िला- कटिहार (बिहार), पिन-854113 विषय:- ------- आगामी 'भारत रत्न' सम्मान के लिए भारत के नागरिक श्रीमान् कैलाश सत्यार्थी के नामार्थ अग्रांकित उपलब्धियाँ लिए अनुशंसा सादर प्रेषित । महाशय, सादर निवेदन है, मैं (सदानंद पॉल) एक भारतीय नागरिक होने के तत्वश: भारत के विशिष्ट नागरिक श्रीमान् कैलाश सत्यार्थी के अग्रांकित उपलब्धियाँ (वेब पेज,पत्र-पत्रिकाओं से साभार) होने को लेकर उन्हें  'भारत रत्न' सम्मान प्रदानार्थ अपनी अनुशंसा प्रेषित कर रहा हूँ:- -:श्रीमान् कैलाश सत्यार्थी : विशिष्टोपलब्धि लिए परिचय:- ------------------------------------------------------------------ जन्म:- 11.01.1954 को विदिशा (म.प्र.) में । शिक्षा:- सम्राट अशोक प्रौद्योगिकी संस्थान, विदिशा से विद्युत यांत्रिकी ।  सक्रियता:-  "बाल अधिकार कार्यकर्ता के रूप में प्रसिद्धि । बाल-शिक्षा के प्रति समर्पित और बाल-श्रम के विरुद्ध अभियान 'बचपन बचाओ आंदोलन' के प

विश्वविद्यालय अनु0 आयोग ने मेरी बात दोहराया,बिहार में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति-विज्ञापन के समय का नियमन में बाद का संशोधन नहीं शामिल"*

चित्र
विश्वविद्यालय अनु0 आयोग ने मेरी बात दोहराया,बिहार में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति-विज्ञापन के समय का नियमन में बाद का संशोधन नहीं शामिल"* ---------------------------------------------------------------------------------------- बिहार के मा0 शिक्षा मंत्री के कई अखबारी बयान, तत्कालीन मा0 केंद्रीय शिक्षा मंत्री उलट-सीध बयान पर आधारित होकर तथा बिहार के एक बड़े राजनेता के बहुत देर से जागने की प्रवृति अर्थात् डोमिसाइल-डोमिसाइल के आलाप के बीच 13 साल बाद हो रही सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया को रोक दिया गया । हालांकि इनपर कोई विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं हुई हैं । तथापि इस सुन-गुण को लेकर मैं RTI ACT. 2005 के अंतर्गत प्रपत्र- क को CPIO, उच्चतर शिक्षा विभाग, HRD मंत्रालय, शास्त्री भवन, नई दिल्ली को दिनांक-18.04.2016 को भेजा कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति-विज्ञापन .... Regulations Act. 2009 के तहत निकाला गया, परंतु कई विषयों की इंटरव्यू प्रक्रिया और कुछ विषय के अंतिम परिणाम के बीच इंटरव्यू प्रक्रिया बंद किया जाने की अखबारी सूचना है, जबकि कोई नियुक्ति प्रक्रिया जिस